Satyapal Malik Net Worth – जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी से जुड़ी बीमारी से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। सत्यपाल मलिक का राजनीतिक सफर जितना प्रभावशाली रहा, उतनी ही चर्चा उनके सादगी भरे जीवन और संपत्ति को लेकर भी रही है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सत्यपाल मलिक की कुल संपत्ति (Net Worth) कितनी थी, उनकी आमदनी के स्रोत क्या थे और उन्होंने अपने जीवन में किस तरह एक सादगीपूर्ण लेकिन मजबूत छवि कायम की।
सत्यपाल मलिक का संक्षिप्त परिचय
सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुआ था। वे भारतीय राजनीति के एक ऐसे चेहरे थे, जिन्होंने भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे विभिन्न दलों में काम किया और कई जिम्मेदार पदों पर रहते हुए अपनी अलग पहचान बनाई।
उन्होंने मेघालय, बिहार, गोवा और सबसे प्रमुख रूप से जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर काम किया। खासकर जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के समय वे ही राज्यपाल थे।
Satyapal Malik Net Worth: कितनी थी उनकी नेट वर्थ?

सत्यपाल मलिक ने एक ईमानदार और पारदर्शी नेता की छवि बनाए रखी। चुनावी हलफनामों और सार्वजनिक दस्तावेजों के आधार पर उनकी कुल संपत्ति का अनुमान करीब 1.5 करोड़ से 2 करोड़ रुपये के बीच लगाया जाता है।
उनकी संपत्ति में मुख्यतः निम्नलिखित शामिल थे:
- आवासीय संपत्ति: उत्तर प्रदेश में पैतृक घर और दिल्ली/गाजियाबाद में एक फ्लैट।
- बैंक बैलेंस और निवेश: कुछ फिक्स्ड डिपॉजिट, सरकारी बचत योजनाएं और पेंशन।
- वाहन: एक पुरानी कार (आमतौर पर सरकारी वाहन का ही इस्तेमाल करते थे)।
वे दिखावे से दूर रहते थे और अक्सर सार्वजनिक कार्यक्रमों में सादे कपड़े और सामान्य वाहन से पहुंचते थे।
आमदनी के स्रोत
सत्यपाल मलिक की आमदनी के मुख्य स्रोत थे:
- राज्यपाल के रूप में वेतन और भत्ते
राज्यपाल पद पर रहते हुए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित वेतन मिलता था, जो लगभग ₹3.5 लाख प्रतिमाह था। इसके अलावा सरकारी आवास, वाहन, और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध थीं। - पेंशन
चूंकि वे पूर्व सांसद भी थे, उन्हें संसद से भी पेंशन मिलती थी। - सार्वजनिक व्याख्यान और सेमिनार
पद से हटने के बाद उन्होंने कई मंचों पर अपनी बातें रखीं, जिससे कुछ आय हुई हो सकती है, लेकिन वे मुख्य रूप से विचारधारा से प्रेरित होकर बोलते थे।
सादगी और पारदर्शिता की मिसाल

सत्यपाल मलिक हमेशा अपने बेबाक बयानों और साफ छवि के लिए जाने जाते रहे। उन्होंने कई बार खुद कहा कि वे राजनीति को सेवा का माध्यम मानते हैं, न कि निजी लाभ का।
जब वे राज्यपाल थे, तब भी उन्होंने सरकारी खर्चों को कम करने की पहल की। यही वजह थी कि उन्हें सत्ता में रहते हुए भी एक साफ-सुथरी और सादगीपूर्ण जीवनशैली का प्रतीक माना जाता रहा।
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विवादों के बीच भी ईमानदारी की मिसाल
हालांकि सत्यपाल मलिक ने कई बार सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और विवादों में भी आए, लेकिन उन्होंने कभी भी किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की शिकायत का सामना नहीं किया। यही कारण था कि उनकी संपत्ति को लेकर कभी कोई संदेह या जांच नहीं हुई।
निष्कर्ष

सत्यपाल मलिक की नेट वर्थ भले ही करोड़ों में न रही हो, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में जो नैतिक पूंजी अर्जित की, वह कहीं अधिक मूल्यवान थी। आज जब नेता अपने पद का दुरुपयोग कर अकूत संपत्ति जुटाते हैं, सत्यपाल मलिक जैसे नेताओं की सादगी और ईमानदारी समाज के लिए प्रेरणा है।
उनका जाना भारतीय राजनीति के एक निर्भीक, स्पष्टवादी और निष्ठावान चेहरे का अंत है। वे हमें यह सिखा गए कि राजनीति सिर्फ सत्ता का खेल नहीं, बल्कि समाज सेवा का भी नाम है।
नोट: यह लेख विभिन्न सार्वजनिक स्रोतों और पूर्व चुनावी हलफनामों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें अनुमानित आंकड़े दिए गए हैं, वास्तविकता में थोड़े अंतर हो सकते हैं।