Helicopter Crash Kedarnath – उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से रविवार, 15 जून 2025 को एक बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली खबर सामने आई। केदारनाथ धाम से फाटा लौट रहा एक हेलिकॉप्टर सुबह 5:20 बजे क्रैश हो गया, जिसमें सवार सातों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा गौरीकुंड के जंगलों में हुआ और इतना भयावह था कि शव भी बुरी तरह जल गए।
यह घटना केवल एक तकनीकी दुर्घटना नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा, हवाई सेवाओं की गुणवत्ता और मौसम की अनदेखी से जुड़े कई सवाल खड़े करती है।
कैसे हुआ हादसा (Helicopter Crash Kedarnath)?
रविवार सुबह जब मौसम खराब था और बादलों की धुंध छाई हुई थी, तभी यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ से उड़ान भरकर फाटा की ओर रवाना हुआ। रास्ते में गौरीकुंड के जंगलों के ऊपर यह हेलिकॉप्टर अचानक क्रैश हो गया। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, पायलट ने मौसम खराब होने की सूचना पहले ही दी थी और वापस लौटने की कोशिश कर रहा था, लेकिन दुर्भाग्य से वह संपर्क में नहीं रह पाया।
सभी शव बुरी तरह से जल गए

हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई और सभी शव जिंदा जल गए। स्थिति इतनी गंभीर थी कि शवों की पहचान डीएनए जांच से ही हो सकेगी। फोरेंसिक टीम पौड़ी से मौके पर बुलाई गई है ताकि DNA सैंपलिंग की जा सके।
मृतकों की सूची
हेलिकॉप्टर में सवार 7 लोग थे, जिनमें एक बच्ची भी शामिल थी। जानिए मृतकों की पहचान:
- कैप्टन राजबीर सिंह चौहान – 39 वर्ष, पायलट, निवासी जयपुर
- विक्रम रावत – बीकेटीसी प्रतिनिधि, निवासी रासी, ऊखीमठ
- विनोद देवी – 66 वर्ष, उत्तरप्रदेश
- तृष्टि सिंह – 19 वर्ष, उत्तरप्रदेश
- राजकुमार जायसवाल – 41 वर्ष, गुजरात
- श्रद्धा जायसवाल – महाराष्ट्र
- काशी – 2 वर्षीय बालिका, महाराष्ट्र
यह भी बताया गया कि यह परिवार महाराष्ट्र के यवतमाल जिले से केदारनाथ दर्शन के लिए आया था। संयोग से उनका एक बेटा घर पर ही रुक गया था, जिससे उसकी जान बच गई।
चारधाम यात्रा में हेलिकॉप्टर सेवाएं बंद
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल एक हाई-लेवल मीटिंग बुलाई और चारधाम यात्रा में हेलिकॉप्टर सेवाओं को सोमवार तक बंद कर दिया गया है। सभी हेली टिकट भी रद्द कर दिए गए हैं। इससे कई यात्री परेशान हैं और लौटने को मजबूर हो गए हैं।
हेलिकॉप्टर सेवाओं पर बड़े बदलाव

इस दुर्घटना के बाद सरकार ने कुछ अहम फैसले लिए हैं:
- अब केवल हिमालयी क्षेत्र में उड़ान का अनुभव रखने वाले पायलट ही हेलिकॉप्टर उड़ाएंगे।
- हेलीकॉप्टर ऑपरेशंस के लिए सख्त SOP (Standard Operating Procedure) तैयार किए जाएंगे।
- देहरादून में कमांड एंड कोऑर्डिनेशन सेंटर बनाया जाएगा, जहां DGCA, नागरिक उड्डयन और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी तैनात रहेंगे।
- मौसम पूर्वानुमान के लिए अत्याधुनिक तकनीक और उपकरण लगाए जाएंगे।
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क्या कहती है सरकार?
सीएम धामी ने स्पष्ट कहा कि इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति या संस्था को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम इस पूरे ऑपरेशन की समीक्षा करेगी।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने इस दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने यह भी कहा कि खराब मौसम इस दुर्घटना का एक संभावित कारण हो सकता है।
श्रद्धांजलि और सवाल
इस हादसे ने ना सिर्फ सात परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि चारधाम यात्रा में हेली सेवाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु केदारनाथ यात्रा करते हैं, और हेलिकॉप्टर सेवाएं उनके लिए सहूलियत का एक जरिया बन चुकी हैं। लेकिन इस तरह की दुर्घटनाएं श्रद्धालुओं में डर और असमंजस पैदा करती हैं।
क्या होनी चाहिए आगे की राह?

इस घटना के बाद यह ज़रूरी हो गया है कि:
- हर हेलिपैड पर आधुनिक मौसम उपकरण लगाए जाएं।
- हेलिकॉप्टर ऑपरेटरों की सुरक्षा जांच नियमित रूप से हो।
- पायलटों की योग्यता और अनुभव की कड़ी जांच हो।
- हेलिकॉप्टर कंपनियों को यात्रियों के लिए बीमा सुविधा अनिवार्य रूप से देनी चाहिए।
निष्कर्ष
Kedarnath Helicopter Crash ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ानें किसी भी तरह से हल्के में नहीं ली जा सकतीं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार इस हादसे से सबक लेकर ठोस कदम उठाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।