Guwahati Floods – गुवाहाटी, असम की राजधानी और पूर्वोत्तर भारत का प्रमुख शहर, इन दिनों बाढ़ और भारी बारिश की वजह से मुश्किलों का सामना कर रहा है। भारत मौसम विभाग (IMD) ने अगले 2-3 दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
बारिश का कहर: आंकड़ों में हालात
IMD द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, गुवाहाटी के AWS स्टेशन पर 112.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। यह आंकड़ा बताता है कि शहर और आसपास के इलाकों में काफी तीव्र और लगातार बारिश हो रही है।
कौन-कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं?

गुवाहाटी के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्से, विशेष रूप से निचले इलाके, सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। इन इलाकों में पानी भरने की समस्या गंभीर होती जा रही है, जिससे सड़कों पर चलना और वाहन चलाना बहुत मुश्किल हो गया है।
बाढ़ के कारण जनजीवन पर असर
1. जलभराव की समस्या
शहर के कई हिस्सों में जलभराव ने आम जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गलियों, बाजारों और रिहायशी इलाकों में पानी घुस चुका है।
2. यातायात पर असर
भारी बारिश और जलभराव के कारण सड़कें जाम हो रही हैं। गाड़ियों की आवाजाही धीमी हो गई है और कई जगहों पर लंबा ट्रैफिक लगा हुआ है।
3. पेड़ों का गिरना और भूस्खलन
लगातार बारिश से ज़मीन कमजोर हो गई है, जिससे कुछ इलाकों में पेड़ गिरने और छोटे स्तर पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं।
प्रशासन की तैयारी और चेतावनी
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने जनता को सतर्क रहने और जरूरी सावधानियाँ बरतने की सलाह दी है। आपातकालीन सेवाएं अलर्ट पर हैं और प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रख रहा है।
सुरक्षा के लिए सुझाव (Guwahati Floods)

- बिना ज़रूरत घर से बाहर ना निकलें।
- नीचे इलाके और पहाड़ी ढलानों के पास रहने वाले लोग सतर्क रहें।
- बिजली के तारों और खुले पावर स्रोतों से दूर रहें।
- स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग के अपडेट पर ध्यान दें।
- बारिश के समय नालों और बहते पानी से बचें।
गुवाहाटी में बाढ़: एक नियमित समस्या?
गुवाहाटी में हर साल मानसून के दौरान जलभराव और बाढ़ की समस्या देखने को मिलती है। इसका कारण है:
- अतिक्रमण की वजह से नालों का संकुचित होना
- शहर की तेज़ी से होती शहरीकरण प्रक्रिया
- बारिश का पानी बहाने की उचित व्यवस्था का न होना
Read More – US Embassy की चेतावनी: अमेरिका जाने वाले भारतीय नागरिकों को अब और सतर्क रहना होगा
बदलते मौसम का असर
जलवायु परिवर्तन का असर अब साफ दिखने लगा है। जहां पहले गुवाहाटी में इतनी तेज़ और लगातार बारिश कम देखने को मिलती थी, अब वह आम हो गई है। इससे पता चलता है कि मौसम में असामान्यता बढ़ रही है।
स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों पर असर
बाढ़ और बारिश (Guwahati Floods) के कारण कई स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। वहीं कई दफ्तरों में घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) की सुविधा दी जा रही है।
स्थानीय लोग क्या कह रहे हैं?

स्थानीय निवासी प्रशासन से शिकायत कर रहे हैं कि हर साल यही समस्या आती है लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता। बहुत से लोग सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें साझा कर रहे हैं, जिनमें बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखा जा सकता है।
क्या है समाधान?
गुवाहाटी की बाढ़ (Guwahati Floods) की समस्या का स्थायी समाधान तभी संभव है जब:
- नालों की सफाई और चौड़ीकरण नियमित रूप से हो
- वर्षा जल निकासी के लिए एक सशक्त प्रणाली बनाई जाए
- अवैध निर्माण को रोका जाए
- आपदा प्रबंधन टीम को और सशक्त किया जाए
निष्कर्ष
गुवाहाटी की बाढ़ (Guwahati Floods) सिर्फ एक मौसमी संकट नहीं, बल्कि एक प्रशासनिक और पर्यावरणीय चुनौती भी है। जब तक इस पर स्थायी और योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं होगा, तब तक हर साल बारिश जनजीवन को ऐसे ही बाधित करती रहेगी। आम लोगों की सुरक्षा और सुविधा के लिए प्रशासन और जनता दोनों को मिलकर काम करना होगा।
FAQs
1. गुवाहाटी में हर साल बाढ़ क्यों आती है?
नालों की खराब स्थिति, अतिक्रमण और जल निकासी व्यवस्था की कमी के कारण गुवाहाटी में हर साल बाढ़ आती है।
2. क्या प्रशासन ने कोई कदम उठाया है?
हाँ, ASDMA और नगर निगम की टीमें अलर्ट पर हैं और राहत कार्य जारी है।
3. क्या स्कूल और दफ्तर बंद हैं?
कुछ स्कूलों और दफ्तरों को बंद किया गया है या वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गई है।
4. जनता को क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
बिना ज़रूरत बाहर ना जाएं, जलभराव वाले इलाकों से बचें, और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
5. क्या भविष्य में यह समस्या हल हो सकती है?
अगर प्रशासन जल निकासी व्यवस्था में सुधार करे और लोग भी जागरूक रहें, तो यह समस्या निश्चित रूप से कम हो सकती है।