APJ Abdul Kalam Died – भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का नाम सुनते ही हमारे मन में एक प्रेरणा और सम्मान की भावना पैदा होती है। 27 जुलाई 2015 को जब उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा, तो पूरा देश शोक में डूब गया। लेकिन क्या आपको पता है कि डॉ. कलाम का निधन हार्ट अटैक से नहीं बल्कि कार्डियक अरेस्ट से हुआ था? चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम कौन थे?
डॉ. कलाम सिर्फ़ एक वैज्ञानिक या राष्ट्रपति नहीं थे, वो एक आदर्श थे। उन्होंने भारत के मिसाइल प्रोग्राम को नई ऊँचाइयाँ दीं और बच्चों व युवाओं को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की हिम्मत दी।
कब और कैसे हुआ निधन (APJ Abdul Kalam Died)

डॉ. कलाम 83 साल की उम्र में भी सक्रिय थे। 27 जुलाई 2015 को वो IIM शिलांग में लेक्चर दे रहे थे, तभी अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और वो बेहोश होकर गिर पड़े। तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ था।
कार्डियक अरेस्ट क्या होता है?
बहुत लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन दोनों में फर्क होता है। कार्डियक अरेस्ट का मतलब होता है कि दिल अचानक काम करना बंद कर देता है। दिल धड़कना बंद कर देता है और खून का प्रवाह रुक जाता है। इस वजह से दिमाग को ऑक्सीजन नहीं मिलती और इंसान बेहोश होकर गिर जाता है।
क्या कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक ही है?
नहीं। हार्ट अटैक तब होता है जब दिल तक खून पहुँचाने वाली नस ब्लॉक हो जाती है। मतलब दिल को खून नहीं मिलता। जबकि कार्डियक अरेस्ट में दिल की इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल हो जाती है और दिल धड़कना बंद कर देता है।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
कई बार कार्डियक अरेस्ट अचानक होता है। लेकिन कुछ संकेत पहले से दिख सकते हैं जैसे –
- बहुत ज्यादा थकान महसूस होना
- चक्कर आना या बेहोशी
- सीने में दर्द
- सांस लेने में तकलीफ
ऐसे हालात में क्या करें?
अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट होता है तो तुरंत CPR (Cardio Pulmonary Resuscitation) देना चाहिए और डिफिब्रिलेटर से झटका देकर दिल को फिर से चालू करने की कोशिश करनी चाहिए। हर सेकंड बहुत जरूरी होता है।
डॉ. कलाम के आख़िरी शब्द
कहा जाता है कि डॉ. कलाम अपने आख़िरी शब्दों में भी छात्रों को प्रेरित कर रहे थे। वो कहते थे – ‘सपने वो नहीं होते जो हम सोते वक्त देखते हैं, सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते।’
पूरा देश हुआ शोकमग्न

कलाम साहब के जाने के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई थी। देश-विदेश से लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया पर उनके विचारों को लोग शेयर कर रहे थे।
उनकी सबसे बड़ी पहचान
कलाम साहब की सबसे बड़ी खासियत थी उनकी सादगी। वो कभी VIP कल्चर में नहीं फंसे। राष्ट्रपति रहते हुए भी उन्होंने बच्चों से मिलने में कभी देर नहीं की।
युवाओं के लिए प्रेरणा
डॉ. कलाम ने हमेशा युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। वो कहते थे – ‘युवाओं के पास वो ताकत है जिससे कोई भी देश बदल सकता है।’
उनकी किताबें
डॉ. कलाम ने कई किताबें भी लिखीं – ‘विंग्स ऑफ फायर’, ‘इग्नाइटेड माइंड्स’, ‘इंडिया 2020’ जैसी किताबें आज भी लोगों को प्रेरणा देती हैं।
उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियाँ
डॉ. कलाम को ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ कहा जाता है। उन्होंने भारत को अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें दीं और ISRO में भी बड़ी भूमिका निभाई।
हमें उनसे क्या सीखना चाहिए?

उनकी ज़िंदगी हमें सिखाती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर इरादे मजबूत हैं तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
निष्कर्ष
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन और निधन दोनों ही हमें एक संदेश देते हैं – मेहनत और सादगी से बड़ी कोई ताकत नहीं। उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।
FAQs
Q1: डॉ. कलाम का निधन कब हुआ था?
27 जुलाई 2015 को उनका निधन हुआ था।
Q2: क्या कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक ही होता है?
नहीं, दोनों अलग होते हैं। हार्ट अटैक में नस ब्लॉक होती है, कार्डियक अरेस्ट में दिल धड़कना बंद कर देता है।
Q3: डॉ. कलाम को मिसाइल मैन क्यों कहा जाता है?
क्योंकि उन्होंने भारत के मिसाइल प्रोग्राम को नई ऊँचाई दी।
Q4: कार्डियक अरेस्ट से कैसे बचा जा सकता है?
स्वस्थ लाइफस्टाइल, नियमित चेकअप और सही समय पर मेडिकल मदद से खतरा कम किया जा सकता है।
Q5: डॉ. कलाम की कौन सी किताब सबसे प्रसिद्ध है?
‘विंग्स ऑफ फायर’ उनकी सबसे प्रसिद्ध किताबों में से एक है।